साइबर क्राइम बढ़ावा देते है सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म
कृतिका राव :-
पूर्ण रूप से यह कहना बिल्कुल गलत होगा कि बढ़ते हुए साइबर क्राइम का कारण केवल सोशल मीडिया है । परंतु हर चीज के दो पहलू होते है । यदि सोशल मीडिया लोगो का काम आसान करती है , वही दूसरी तरफ आज के समय में बहुत से अपराध केवल सोशल मीडिया से हो रहे है ।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म यूट्यूब पर हर तरह की विडियो मिलती है । बहुत सी ऐसी विडियो होती है जो अपराधों को बढ़ावा देती है । हाल ही में इससे जुड़े हुए बहुत से मामले सामने आए है । फरवरी में एक छोटे से गांव के एक घर में बॉम्ब ब्लास्ट हो गया । कार्यवाही करने पर पता चला कि उस घर के मुखिया ने यूट्यूब से देख कर बॉम्ब बनने की कोशिश की थी और उन्हीं की गलती से वह बॉम्ब फट गया ।
यूट्यूब पर देखते हुए ही दो व्यक्तियों ने एटीएम लूटने की कोशिश की । आरोपियों से पूछताछ करने पर पता चला कि उन्होंने यूट्यूब से देख कर एटीएम लूटने की। इस साज़िश को अंजाम दिया ।
लगभग एक साल पहले ट्विटर एक बहुत प्रसिद्ध सोशल मीडिया ऐप पर #मिटू कैंपिग्न चलाया गया । इसके अन्तर्गत ऐसी कोई भी लडकी जिसके साथ रेप। या कोई भी अशलील हरकत हुए हो वह #मिटू के अन्तर्गत अपनी कहानी डाल सकती है और उसके बाद पुलिस उनके लिए कार्यवाही करके अपराधियों को सजा दिलवाएंगी । इस कैंपिगन का बहुत अच्छे से प्रयोग किया गया , परंतु इसमें कुछ झूठी कहानियां भी सामने आई । जिसके कारण बहुत प्रसिद्ध हस्तियां के नाम पर कलंक लग गया। अंत में वे हस्तियां बेकसूर निकली , परंतु #मिटू पर उनकी झूठी कहानी सामने आने से उनके काम में रुकावटें आ गई ।
हाल ही में ज़ूम ऐप जो एक विडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप है ,जिसमे अधिक से अधिक लोग एक ही समय पर एक साथ दर्जनों व्यक्तियों से विडियो कॉल पर बात कर सकते है । राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा एजेंसी द्वारा इस ऐप के खिलाफ यूजर्स और ऑर्गनाइजर्स के लिए एक एडवाइजरी लागू की है । जिसमे यह बताया गया है कि इस ऐप से लोगो डाटा हैक हो सकता है और उनकी निजी जानकारी भी लीक हो सकती है
फेसबुक , व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम पर भी लोग बहुत से साइबर क्राइम करते है । जैसे फेसबुक पर किसी की प्रोफ़ाइल को हैक करके उसका नाजायज फायदा उठाना , इंस्टाग्राम से अशलील पोस्ट लेना और वाट्सएप मैसेज द्वारा ऑनलाइन ठगी करना । हाल ही में एक मशहूर एक्ट्रेस का मामला सामने आया । जिसमे उनका नंबर लीक किया गया , उसके बाद उन्हें व्हाट्सएप के जरिए अशलील मैसेजेस और कॉल्स आने लगे ।
हाल ही में टिक टोक ऐप के भी कुछ मामले सामने आए जैसे तबलीगी जमातो में कोरोना संक्रमित लोग पाए जाने के बाद टिक टोक पर मुसलमानो के खिलाफ विडियो बनने लगी है ।
जब ये सोशल मीडिया ऐप्स बनती है तो ऑर्गनाइजर्स केवल उनके फायदे देखते है । जैसे यूट्यूब पर मनोरंजक और ज्ञानवर्धक विडियो बनाई सकती है ; ट्विटर पर घर बैठे देश विदेश की खबरे मिल सकती है , साथ ही लोग खुलकर अपनी बातें सबके सामने रख सकते है ; ज़ूम पर दोस्तो से बात कर सकते है ; फेसबुक , इंस्टाग्रम और व्हाट्सएप आदि द्वारा रिश्तेदारों से जुड़े रह सकते है , पर ये सब सोचते समय वे दूसरी बातें भूल गए कि उनका गलत फायदा भी उठाया जा सकता है । सरकार ने साइबर क्राइम के खिलाफ धाराएं बना रखी है ,पर आम जनता उन धाराओं से अवगत नहीं है । ऐसे में शिक्षित नागरिक बनकर हम सबका यह कर्तव्य है कि हम खुद भी इन अपराधों को और धाराओं को जाने और साथ ही और लोगो को भी जागृत करे ,ताकि ऐसे साइबर अपराध ख़त्म हो सके ।
साइबर क्राइम के खिलाफ साइबर वेलफेयर सोसायटी ऑफ इंडिया , इंदौर , मध्य प्रदेश भी बहुत से सारहनिय कदम उठा रही है । यदि आप इससे जुड़ना चाहते तो नीचे दिए गए लिंक द्वारा कॉन्टेक्ट करे – cyberwelfares@gmail.com