आयुष तिवारी:-
आर्टिफीसियल इंटिलिजेंस का अर्थ है ,जो आपके दवारा बनाई गई दिमागी क्षमता । इसके जरिये कंप्यूटर या रोबोट तैयार किये जाते है।जसिके तर्क के आधार पर चलने का प्रयास किये जाते है, जिससे मनुष्य के दिमाग के हिसाब से काम होता है।
यह एक प्रकार की बुद्धिमान मशीन ,विशेष रूप से बुद्धिमान कंप्यूटर प्रोग्राम को बनाने का विज्ञानं है ।
आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर दवारा नियंत्रित रोबोट या फिर आदमी की तरह इंटेलिजेंस तरीके से सोचना वाला सॉफ्टवेयर बनाने का एक तरीका है।
यह इस बारे में अध्यन करता है की मानव का दिमाग किस प्रकार सोचता है और किस प्रकार समस्या को हल करता है । और उससे कैसे सीखता है, निर्णय लेता है और कैसे काम करता है।
इसके कई प्रकार के अनोखे सूत्र पाए गए है:
मानव मशीन की बातचीत के लिये विकासशील विधियाँ बनाना।
1आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ एक सक्षम कार्यबल का निर्माण करना।
2आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम की सुरक्षा सुनिश्चित करना।
3आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के नैतिक, कानूनी और सामाजिक निहितार्थों को समझना तथा उन पर काम करना।
भविष्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की रचना की जाएगी, जो कि मनुष्यों के मस्तिष्क से अधिक है।
माना जाता है कि एआई मशीनें स्वयं सीखने और स्वयं को सुधारने में सक्षम हो जाएंगी और इतनी तेज़ गति से सोचने, समझने और काम करने लगेंगी कि मानव विकास का मन्त्र हमेशा के लिये बदल जाएगा।
इस टेक्नोलॉजी के समर्थन में भारत सरकार भी इस में बढ़ावा दे रही है , ताकि आने वाले भविष्य में मैन पावर को कम करके, मशीनो, रोबोट की मदद लेकर जयादा से जयादा हर चीजों की उत्पन्ताको बढ़ाया जाए।और नए रोजगार के अवसर दूसरे लोगो को प्रदान करे जाए , जो लोग इन कामो में दक्ष प् चुके है। इसके अलावा डिजिटल मैन्युफैक्चरिंग, बिग डाटा इंटेलिजेंस, रियल टाइम डाटा के क्षेत्र में शोध, प्रशिक्षण, मानव संसाधन और कौशल विकास को बढ़ावा देने के योजना बना रही है, ताकि हमारा भारत स्मार्ट भारत बन जाए।
सरकार भी चाहती है कि हम जयादा से जयादा इसका इस्तेमाल करे हर जगह , ताकि हमारे मजदुर भाई बहनो को कम मेहनत करना पड़े।
सरकार एक अथॉरिटी बनाना चाहती है ,ताकि इसके नियम – कायदे तय करसके और निगरानी भी राखी जाए।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कुछ प्रयोग :-
कंप्यूटर गेम
प्राकृतिक भाषा
प्रवीण प्रणाली
बुद्धिमान रोबोट
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस युक्त मशीनों से जितने फायदे हैं, उतने ही खतरे भी हैं।सोचने-समझने वाले रोबोट अगर किसी कारण या परिस्थिति में मनुष्य को अपना दुश्मन मानने लगें, तो मानवता के लिये खतरा पैदा हो सकता है। सभी मशीनें और हथियार उपयोग कर सकते हैं।इसलिए तोड़ी सतर्कता भी जरुरी है।
विकास को गति देने और लोगों को बेहतर सुख-सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिये प्रत्येक क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीक का भरपूर उपयोग किया जा रहा है। बढ़ते औद्योगीकरण, शहरीकरण ने जहाँ विकास की गति को तेज़ किया है, वहीं इसने कई नई समस्याओं को भी जन्म दिया है, जिनका समाधान करने के लिये नित नए समाधान सामने आते रहते हैं। जहाँ वैज्ञानिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अनेकानेक लाभ गिनाते हैं, वहीं वे यह भी मानते हैं कि इसके आने से सबसे बड़ा नुकसान मनुष्यों को ही होगा, क्योंकि उनका काम मशीनों से लिया जाएगा, जो स्वयं ही निर्णय लेने लगेंगी और उन पर नियंत्रण नहीं किया गया, तो वे मानव सभ्यता के लिये हानिकारक हो सकते हैं। ऐसे में इनके इस्तेमाल से पहले लाभ और हानि दोनों को संतुलित करने के आवश्यकता होगी।
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