RBI Governor के पर्सनल स्टाफ आफीसर बनकर कॉल कर इंश्योरेंस पालिसी में निवेश कर 1 करोड़ 68 लाख खाते में डालने का झांसा देकर ठगने वाले गिरोह के दो सदस्य सायबर सेल इंदौर की गिरफत में ।
-फरियादी से कभी RBI अफसर, कभी IRDA अफीसर, कभी Citi Bank मेनेजर बताकर अलग-अलग खातों मं डलवाए गए 23 लाख हजार रूपये
-राजीव सक्सेना, सिमरन आरोरा, प्रिया अग्रवाल, प्रमोद जैसे फर्जी नामों से लगातार किया जाता था काल पीड़ित को वर्ष 2014 से 2018 के बीच 23 लाख 62 हजार रूपये खातों में लगभग 24 बार में फरियादी से ठगी गई राशि डलवाइ गई ।
-गिरफतार किए गए दोनों आरोपी है पिता-पुत्र
– वर्तमान में गिरफतारशुदा आरोपी कर रहा था International Call Center में Tele Calling का काम
– ठगी की राशि से महंगे मोबाईल फोन व अन्य विलासिता का सामान खरीदे है ठग ने
-इसी गिरोह के कुछ सदस्य हैदराबाद पुलिस द्वारा इसी तरह की वारदात में जुन 2018 में किए जा चुके है गिरफतार
– SPL. DG Cyber Cell द्वारा गठित सायबर सेल की SIT की यह लगातार तीसरी सफलता
-इंश्योरेंस के नाम से ठगी कर रहे गिरोह चला रहे है, दिल्ली/नोएडा/ गाजियाबाद में काल सेंटर
– अधिकांश लड़के जो इस तरह के गिरोह में जुडे है वे या तो किसी इंश्योरेंस कंपनी के लिए काम कर चुके है अथवा किसी Call Center में Tele Calling का काम कर चुके है।
– पुरूस्कार के रूप में विशेष पॉलेसी स्कीम देने हेतु आपके मोबाईल नम्बर का चयन किये जाने का लालच देकर इंश्योरेंस में इनवेंस्टमेंट करने के नाम पर करते थे ठगी
विशेष पुलिस महानिदेशक राज्य साइबर सेल एवं एस.टी.एफ. श्री पुरुषोत्तम शर्मा द्वारा इंश्योरेंस व जाब फ्राड के लिये पुलिस अधिक्षक इंदौर सायबर सेल जितेन्द्र सिंह के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (SIT) गठीत किया गया था । उक्त SIT को ADG श्री राजेश गुप्ता द्वारा लंबित प्रकरणो में त्वरित कार्यवाही के निर्देश भी दिए गए थे ।
इसी तरतम्य में फरियादी प्रमोद कुमार निवासी इंदरा नगर, उज्जैन, म0प्र0 की शिकायत पर जांच उपरांत अप.क्र. 109/19 धारा 419,420,120बी भादवि, 66सी,66डी आई0टी0 एक्ट कायम कर SIT को विवेचना के लिए सोंपा गया था। SIT की टीम जिसमें निरीक्षक अम्बरीश मिश्रा, उप निरीक्षक जितेन्द्र चौहान, उनि आशुतोष मिठास, आर0 आशीष शुक्ला, आर0 विशाल महाजन शामिल थे उन्हे सफलता उस वक्त मिली जब इस गिरोह के दो सदस्यों अभिषेक दीवान एवं हरीश दीवान को दिल्ली के इलाके से गिरफतार किया। अभिषेक दीवान ने प्रारंभिक पूछताछ में बताया कि वह गिरोह के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर एक काल सेंटर का संचालन करता था जहॉ से RBI अधिकारी, बैंक अधिकारी, इंश्योरेंस अधिकारी बनकर लोगों को काल कर इंश्योरेंस की स्कीमों में ज्यादा फायदे का बताकर रूपया उनके खाते में डलवाने का लालच देकर उनके साथ ठगी कर काम किया जाता था।
फरियादी को वर्ष 2014 में पहला कॉल आया था जो अभिषेक के एक साथी ने राजीव सक्सेना बनकर किया था। तत्पश्चात अलग-अलग नामों में काल कर ठगी की गई । यहां तक की RBI Governor के पर्सनल स्टॉफ आफीसर बनकर सिमरन आरोरा के नाम से वर्ष 2017 में मोहित की महिला मित्र प्रिया द्वारा काल कर भी पैसा जमा कराया गया । इस प्रकरण में आरोपियान को गिरफतार करने वाली SIT में पुलिस अधीक्षक सायबर इंदौर जितेन्द्र सिंह के नेतृत्व में निरीक्षक अम्बरीश मिश्रा, उप निरीक्षक जितेन्द्र चौहान, उनि आशुतोष मिठास, प्र0आर0 मनोज राठौर, आर0 आशीष शुक्ला, आर0 विशाल महाजन, आर0 दिनेश, आर0 राकेश, आर0 गजेन्द्र सिंह राठौर का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
आरोपियों के नाम पते निम्नानुसार हैः-
1. अभिषेक दीवान पिता हरीश दीवान उम्र 28 साल निवासी 3100, कुचा ताराचंद, दरियागंज न्यू दिल्ली ।
2. हरीश पिता स्व0 लच्छू सिंह दीवान उम्र 53 साल निवासी 3100, कुचा तराचंद, दरीयागंज न्यू दिल्ली ।