ऑनलाइन मिली हुई सुविधाओं का गलत तरीके से प्रयोग कर धोखाधड़ी
हमारी साधारण ज़िन्दगी को ओर भी आरामदायक बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के ऑनलाइन वेबसाइट्स द्वारा हमारी मदद की जाती है । लॉक डॉउन के चलते हम इं सुविधाओं पर ज्यादा निर्भर हो गए है । ऐसे में सभी की मजबूरी केक देखते हुए साइबर ठग अलग – अलग प्रकार की योजना बनाकर लोगो को लूट रहे है ।
ईएमआई के नाम पर छूट :-
लॉक डॉउन और महामारी के चलते सरकार ने बैंकों से सभी उपभोक्ताओं की 3 माह की ईएमआई पर छूट देने की मांग की । सरकार की इस मांग को समझते हुए बैंकों से सभी खाताधारकों को छूट दी । ऐसे में साइबर ठग लोगो के फोन पर मैसेज करके एक लिंक भेजते है । उस लिंक पर क्लिक करने से खाताधारक के मोबाइल में रिमोट एसेस एप एक्टिवेट हो जाती है जैसे टीमविवर , अनीडेस्क इत्यादि । जिसके कारण आपके मोबाइल के बैकग्रोंड में यह ऐप्स चलती है । साइबर ठग इसकी सहायता से आपके मोबाइल से सभी निजी व बैंक जानकारी प्राप्त कर आपके बैंक खाते से पैसे लूट लेते है ।
दैनिक उपयोग के समान की ऑनलाइन डिलिवरी के नाम पर ठगी :-
लॉक डॉउन के चलते सभी लोग अपने घरों में है । इस कारण वह अपने दैनिक उपयोग में आने वाले सामन के लिए भी बाहर जाना सही नहीं समझते । ऐसे में साइबर ठगो ने ऑनलाइन प्लैटफॉर्म्स से जैसे व्हाट्सएप फेसबुक इत्यादि द्वारा यह अफवाह फैलाई जा रही है कि उनकी वेबसाइट द्वारा घरों में आवश्यक सामान की डिलिवरी की जाएगी । ऐसे में वे लोगो से सामन की डिलिवरी के लिए प्री पेमेंट की मांग करते है । पेमेंट करने के बाद लोगो को पता चलता है कि वह सब फर्जी था । साथ ही वे अपना पैसा खो देते है ।
फर्जी हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से धोखाधड़ी :-
साइबर ठगो द्वारा विभिन्न ऑनलाइन सेवाएं देने वाली कंपनी जैसे फ्लिपकार्ट , अमेज़न , मिंत्रा , ग्रोफर , जोमातो, इत्यादि व सरकारी विभाग कंपनियों के नाम से गूगल का एडिट फीचर व एडवरटाइजर की मदद से फर्जी ब्लॉग बनाकर इन पर अपना (साइबर ठगो का ) का नंबर देकर फर्जी ब्लॉग बनाया जाता है । जब कोई ग्राहक गूगल पर या वेबसाइट पर सर्च करके नंबर लेता है तो वह उस कंपनी से नहीं बल्कि उस साइबर ठग से बात करता है । फिर ये साइबर ठग बैंक की व्यक्तिगत जानकारी व ओटीपी प्राप्त कर बैंक खाता लूट लेते है ।
मेडिकल एक्सपर्ट की जानकारी देने के नाम पर ठगी :–
वैश्विक महामारी के चलते सरकार ने कुछ डॉक्टर के टोल फ्री नंबर जारी किए है । जिस पर कॉल करके हम इस बीमारी से जुड़ी अपनी कोई भी उलझन सुलझा सकते है। साइबर अपराधी सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स के द्वारा डॉक्टरों के नम्बर की जगह अपने नंबर फैलाते है । जिसके बाद उन वेबसाइट पर क्लिक करने से आम जनता साइबर क्राइम का शिकार हो जाते है ।
कोई भी सेवा व सुविधा आम जनता के लिए उपयोगी है होती है । परंतु इसका अति प्रयोग व बिना ध्यान दिय सोचे समझे , बिना जानकारी के प्रयोग करना हमारे लिए घातक सिद्ध हो सकता है । इसलिए सावधान रहे , सतर्क रहे , सुरक्षित रहे ।
This is very much true….
जनता को सतर्क रह कर उपयोग करना चहिए और धोखा धड़ी से बचना चाहिए।
In such a situation of pandemic, where many are coming out as a help to others in terms of food and money there are nuisance like online frauds and data theft taking place in the world. People have lost their concerns for humanity and brotherhood and are more interested in committing identity thefts, data thefts and thefts in name of medical facilities.
Eye opening article!! people should be aware of fraudsters..