2.91 करोड़ भारतीयों का डेटा लीक
कोरोना के बढ़ते प्रभाव व लॉकडाउन के चलते जहां कई सारे सेक्टरों में लोगों की जॉब लगातार जा रही है, ऐसे में देश के सामने एक और बड़ी आफत मुहं बाए खड़ी है। महाराष्ट्र सायबर सेल को चौंका देने वाली जानकारी मिली है कि करीब 2.91 करोड़ भारतियों का निजी डेटा डार्क वेब पर लीक हो गया है। यह वो लोग भारतीय है जो नौकरी के लिए अलग-अलग साइट्स पर अपनी सारी जानकारी साझा किए हुए है।
डार्क नेट द्वारा बड़ी तादात में डेटा चोरी होने से देश में नौकरी से जुड़ा संकट और भी बढ़ सकता है। इस खुलासे के बाद अब महाराष्ट्र साइबर सेल डिपार्टमेंट संदिग्ध नौकरी साइटों को स्कैन कर रही है, ताकि यह पता चल सके कि इस साज़िश के पीछे कौन है और इसका इस्तेमाल किन-किन घातक कारणों के लिए लिया जा सकता है।
महराष्ट्र साइबर डिपार्टमेंट के मुखिया यशस्वी यादव (IGP महाराष्ट्र सायबर डिपार्टमेंट) के मुताबिक, हाल ही में लगभग 2.91 करोड़ नौकरी चाहने वालों के पर्सनल डेटा लीक हुआ है। पुलिस को शक़ है कि लीक हुए डेटा का दुरुपयोग किया जा सकता है, जिसे नौकरी देने वाली वेबसाइट्स से चुराया गया है। लीक हुए डेटा में व्यक्ति का नाम, पते, शहरों और राज्यों के विवरण, ईमेल आईडी, फोन नंबर और शैक्षिक विवरण सहित दिए गए है। यहां तक कि क्रेडिट कार्ड, आधार कार्ड की सेंसटिव डिटेल्स तक लीक की जा चुकी है जोकि बड़ी चिंता का विषय है।
यशस्वी यादव के मुताबिक, लगभग 2.91 करोड़ भारतीयों का डेटा डार्क नेट पर बेचने के लिए मौजूद है। ये गंभीर मामला है जिसे हम डेटा थेफ़्ट बोलते है। इस मामले में आई टी एक्ट और आई पी सी धाराओं के तहत करवाई की जाती है। आपका डेटा मिस यूज़ किया जा सकता है, जैसे आपको फ्रॉड जॉब आफर भेजा जा सकता है, ईमेल भेजा जा सकता है, आपको बैंक से जुड़ी झूठी बाते बताकर जानकारी ली जा सकती है।
ये डेटा लीक कैसे हुआ, इसके लिए बेहद गुप्त, एन्क्रिप्टेड नेटवर्क पर पता लगाया जा रहा है, जिसमे डार्क नेट शामिल है। डार्क नेट इंटरनेट पर अनलिस्टेड, क्लैन्डस्टाइन नेटवर्क से जुड़ा हुआ है।
ऐसे में आप कई सावधानी बरते
जब कोई नौकरी साइट आवेदक से शैक्षिक योग्यता, नौकरी के अनुभव(, पहचान प्रमाण के अलावा बैंकिंग विवरण/ क्रेडिट-डेबिट कार्ड के विवरण जैसे इन्फॉर्मेशन मांगे तो ये खतरा है।
बेरोजगार मैट्रिकुलेट्स युवकों को केंद्रीय योजना के माध्यम से 3, 500 रुपये का मासिक वजीफा मिलेगा, जैसे भ्रामक विज्ञापन भी आपको इस जाल में फंसा सकते है।
आपके दिए गए डेटा का उपयोग आपको धोखा देने या दूसरों को धोखा देने या अपराध करने के लिए किया जा सकता है।
नौकरी चाहने वालों को नौकरी के लिए आवेदन करते समय बैंक खाते के डेबिट/क्रेडिट कार्ड से संबंधित धनराशि का भुगतान नहीं करना चाहिए।
नौकरी चाहने वालों को केवल ईमेल, कॉल के माध्यम से बातचीत करने के बजाय, ऐसे जॉब पोर्टल वालों से पर्सनली मिलना चाहिए।
महाराष्ट्र सायबर डिपार्टमेंट के आई जी पी यशस्वी यादव के मुताबिक, डेटा का इस्तेमाल गलत तरीके से किया जा सकता है।
नई पहचान बनाकर सायबर क्राइम किया जा सकता है।
बैंकिंग डिटेल्स-क्रेडिट कार्ड ,डेबिट कार्ड से आपकी मेहमत की कमाई को निकाला जा सकता है।
आधार कार्ड बनवाने के लिए इस डेटा का गलत इस्तेमाल किया जा सकता है।
यहां तक कि अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में पिछली बार केम्ब्रिज एटलांटिका नाम की कंपनी ने दावा किया था कि मिलिन्स अमेरिकी नागरिकों का डेटा फेसबुक से एक्सेस किया था, राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प के चुनाव कैम्पेन में वेव क्रिएट करने के लिए।
गौरतलब है कि कुछ समय पहले ही आई सी आई सी आई बैंक की हूबहू वेबसाइट बनाई गई थी, जहां बहुत सारे लोगों ने अपनी म6हत्वपूर्ण जानकारियां साझा की थी। ऐसे में अब आप भी सतर्क हो जाये अगर नौकरी के लिए कहीं आवेदन कर रहे हैं तो सतर्कता जरूर बरतें उन्हीं साइट्स पर अपने डेटा को साझा करें जोकि पूरी तरह सुरक्षित हो, वरना एक गलती आपको बहोत भारी प
ड़ सकती हैं। अगर कोई शिकायत हो तो www.reportphishing.in और www.cybercrime.gov.in पर पुलिस को इसकी जानकारी सही समय पर दें।
https://hindi.pardaphash.com/cybercrime-shocking-news-from-maharashtra-data-of-2-91-crore-indians-leaked/