ज़रा सी लापरवाही बना सकती है आपको बना सकती है साइबर क्राइम का शिकार – सतर्क रहे सुरक्षित रहे
फेसबुक मैसेंजर के माध्यम से ठगी :-
फेसबुक मैसेंजर के द्वारा हम कितने भी दूर बैठे अपने परिजनों का हाल चंद पलो में जान सकते है । परंतु साइबर क्रिमिनल्स ने इस सुविधा को भी पैसे ऐठने का जाल बना लिया है । वे या तो किसी आईडी को हैक करते है या फिर किसी की भी पासपोर्ट साइज फोटो फोन नंबर इत्यादि से एक नई प्रोफ़ाइल बनाकर उसमें उस व्यक्ति के प्रियजनों से बात करते है । कुछ दिन बात करने के बाद ऐक्सिडेंट हो गया या किसी अन्य कारण से पैसे की जरूरत ह यह बोलकर पैसे मांगते है । सहायता करने के विचार से हम बिना सोचे समझे मदद करते है पैसे देते है और साइबर क्राइम का शिकार हो जाते है ।
ई के वाई सी अपडेट के नाम पर ठगी
अक्सर लोगो को यह कहकर फोन कॉल्स या मैसेज एट है की आपके बैंक खाते की के वाई सी अपडेट न होने के कारण खाता बन्द हो सकता है । ऐसे में यदि अपडेट करना है तो अपनी बैंक डिटेल्स बताए। कोई भी बैंक कभी भी किसी को ये नहीं बताता है । इस जानकारी का अभाव होने के कारण बहुत से लोग अपनी बैंक डिटेल्स इन साइबर अपराधियों को दे देते है । जिसके बाद उनके बैंक खातों से पैसे निकाल लिए जाते है ।
प्रमोकॉड / रिवॉर्ड पॉइंट्स देने / रिडीम के नाम पर धोखाधड़ी :-
साइबर अपराधी आम जनमानस के मोबाइल नंबर पर प्रोमोकॉड को अत्यधिक मात्रा से प्राप्त करने व वॉलेट / खाते में मौजूद रिवार्ड् पॉइंट्स को पैसे में कन्वर्ट करने का हवाला देने वाले मैसेज प्रसारित करते है । जैसे ही लोगो द्वारा वह लिंक टेप होता है तो उनके मोबाइल के बैकग्राउंड में रिमोट एसेस ऐप जैसे टीमवीवर इत्यादि एक्टिवेट हो जाते है । जिसके बाद साइबर अपराधी आपकी बैंक की डिटेल्स और आपकी निजी जानकारी आसानी से प्राप्त कर लेता है । कभी – कभी रिवॉर्ड पॉइंट्स को रिडीम करने का हवाला देकर ओटीपी की मांग की जाती है सही जानकारी ने होने के कारण आप उनको अपना बैंक ट्रनसैक्शन ओटीपी प्रदान करते हो जिससे आपके बैंक से पैसे ऐठ लिए जाते है ।
फ्री नेट / रिचार्ज / ऑनलाइन मूवी चैनल का पंजीकरण के नाम पर ठगी :-
साइबर ठगो द्वारा सोशल मीडिया पर यह अफवाह फैलाई जाती है कि सरकार ने कोरोना वायरस के चलते आपका 3 माह का फ्री इन्टरनेट रिचार्ज या ऑनलाइन मूवी चैनल जैसे नेटफ्लिक्स , आमजन प्राइम इत्यादि का फ्री पंजीकरण करने का फैसला लिया है । उसके बाद आपसे एक लिंक में फॉर्म भरवाए जाते है और फॉर्म भरते वक्त ओटीपी जाता है जिसको साझा किया जाता है । जानकारी ने होने एक कारण हम वह ओटीपी शेयर कर देते है । जो कि हमारे बैंक ट्रांसाक्शन से जुड़ा ओटीपी होता है । साथ ही उस फॉर्म में बैंक की डिटेल्स भी भरने को कहा जाता है । जो में फ्री के लालच में भर देते है । उसके बाद साइबर अपराधी हमारे बैंक से पैसे निकाल लेते है ।
ऊपर दिए गए सभी उदाहरणों में एक बात बिल्कुल सामन है कि हम किसी भी साइबर क्राइम का शिकार तभी बनते है जब हमें उसके बारे में जानकारी न हो । इसलिए हमे हमेशा इन सभी साइबर क्राइम्स के बारे में पता होना चाहिए और ऐसे परिस्थिति में कैसे काम करते है यह भी पता होना चाहिए ।
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Its very true and real article with great information for our big society.
सही है, सभी यूजर्स को जागरूक होना पड़ेगा।
As said “carelessness is inexcusable and merits the inevitable sequence.”
Thankyou for this informative article sir
very true article
This article gives accurate information about cyber crime carelessness.This information is very useful.Carelessness can be a small mistake that can prove to be fatal.
Article really shows the bitter reality of the bad side of social media that how one’s data can be used on the name of few benefits… interesting article!