Prerna:-
सोशल मीडिया में किसी भी मैसेज के वायरल होने में ज्यादा वक़्त नहीं लगता है। इस बात का प्रमाण हमे कल एक फेक न्यूज के वायरल होने पर मिल गया। व्हाट्सएप ने पिछले कुछ महीनों में फेक न्यूज को रोकने के लिए कई नए अप्डेट्स किये थे (एक संदेश को पांच से अधिक लोगो को फॉरवर्ड नही कर सकते) जिसकी पुष्टि इंडोनेशिया के एक कार्यक्रम में व्हाट्सएप की उपाध्यक्ष विक्टोरिया ग्रांड ने की थी। मगर मज़े की बात यह है कि अफवाहों ने खुद व्हाट्सएप को ही निशाना बना दिया।
3 जुलाई को फ़ेसबुक के अधिक्तर ऍप्स में फ़ोटो भेजने और डाऊनलोड करने में दुनियाभर के लोगो को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था। इस मौके का फायदा उठाते हुए किसी ने व्हाट्सएप पर फेक मैसेज फैल दिए।
एक मैसेज के अनुसार ज्यादा यूज़र नाम के उपयोग के चलते केंद्र सरकार ने व्हाट्सएप्प को रात साढ़े ग्यारह बजे से सुबह छह बजे तक बंद करने का निर्णय लिया है | इस वायरल पोस्ट में यह भी कहा गया है की सन्देश नरेंद्र मोदी जी ने भेजा है | आगे इस सन्देश में लिखा है की यदि आप इसे दस लोगो को नहीं भेजेंगे तो आपका व्हाट्सएप्प अकाउंट अगले 48 घंटों में डिलीट हो जाएगा और उसे दोबारा चालू करने के लिए आपको 499 रूपए का सब्सक्रिप्शन लेना होगा।
एक अन्य मैसेज के अनुसार सैटेलाइट में तकनीकी खराबी के कारण व्हाट्सएप एक सप्ताह के लिए बंद किया जा रहा है । इस मैसेज को गूगल ने साइन किया हुआ है।
क्यों सच नही यह मैसेज?
1-पहला मैसेज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम से है किन्तु सोचने वाली बात यह है कि यदि नरेंद्र मोदी जी को इस प्रकार की कोई सूचना तो वह व्हाट्सएप का सहारा क्यों लेंगें? अपितु वह किसी न्यूज़ वेबसाइट पर यह घोषणा करेंगे या प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलवाएँगे।
2-यदि वव्हाट्सएप पेड ऍप बनने जा रहा है तो इस बात की घोषणा व्हाट्सएप के अधीक्षक या सीईओ करेंगे ना कि नरेंद्र मोदी।
3-व्हाट्सएप जैसी सोशल मीडिया ऍप आपसे किसी प्रकार की धनराशि नही लेगी वह एक पूर्ण रूप से फ्री ऍप है।
4-दुसरे मैसेज को गूगल ने साइन किया है किन्तु व्हाट्सऐप गूगल की नही फेसबुक के अंतर्गत आता है।
5- गूगल को यदि इस प्रकार की कोइ खबर प्रकाशित करनी भी होगी तो वह आपको मैसेज नही करेगा अपितू अंतरराष्ट्रीय न्यूज वेबसाइट पर प्रकाशित करेगा।
6- इस मैसेज में कई गलतियां हैं जैसे “videos” के स्थान पर “vedios” और “message” की जगह “messeng” जो गूगल कभी नही करेगा।
यदि आप इन छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देंगे तो खुद को फेक मैसेज और अफवाहों से बचा पाएंगे। अभी हमे ये अफवाहे महज एक मज़ाक का हिस्सा लग सकती हैं मगर जब यही अफवाहे साम्प्रदायिक दंगों, समाजिक असिहष्णुता आदि जैसी भयावह स्थितियां पैदा कर देते हैं तब हमें इनकी ताक़त का असल अंदाज़ा हो पाता है। इसलिए बेहतर की हम अफवाहों और असल समाचार में फर्क करना सीख जाएँ।