पेटीएम के फर्जी मैसेज भेजकर शॉपिंग करने वाले आरोपी राज्य सायबर सेल जोन इंदौर की गिरफ्त में ।
आरोपियो द्वारा फर्जी पेटीएम एप्लीकेशन का किया जाता रहा है उपयोग।
दोनो आरोपी है इंदौर में इंजनीयरिंग चतुर्थ वर्ष के छात्र।
आरोपियो द्वारा पेटीएम का फर्जी मैसेज तैयार करके की गई थी 5000/- रुपये के कपड़ो की खरीदारी।
दोनो आरोपियो से घटना में धोखाधड़ी द्वारा खरीदे गये कपड़े किये गये है जब्त।
आरोपीगण से घटना में प्रयुक्त मोबाईल व सिम भी किये गये है जब्त।
आरोपीगण द्वारा घटना कारित करने का तरीका –
आरोपीगण ने कपड़े खरीदने हेतु पेमेंट करने के लिये पहले उपयोग किया फर्जी पेटीएम एप्लीकेशन।
किन्तु दुकानदार की समझदारी के चलते दुकानदार ने स्वयं के मोबाईल पर चेक किया मैसेज, पर पेटीएम से किसी ट्रांजेक्शन का मैसज न आने पर दुकानदार द्वारा पेमेंट प्राप्त नही हुआ है, कहा गया।
तब आरोपीगण ने धोखाधड़ी करने के लिये अपनाया नया तरीका – पहले दुकान दार से उसका फोन लिया, दुकानदार के मोबाईल में अपना नम्बर पेटीएम के नाम से सेव किया। दुकानदार के मोबाईल पर सेव पेटीएम के पूर्व के मैसेज को अपने नम्बर पर सेंड किया फिर उस मैसेज में एडिटिंग करके दुकानदार को पुनः सेंड कर दिया।
धोखाधडी पूर्वक तैयार फर्जी मैसेज को दुकानदार द्वारा समझा गया पेटीएम का मैसेज व दुकानदार ने समझा रुपये प्राप्त हो गये है।
विशेष पुलिस महानिदेशक श्री पुरूषोत्तम शर्मा एवं अति. पुलिस महानिदेशक श्री राजेश गुप्ता द्वारा अपराधो के तत्काल निकाल करने के संबँध मे हाल मे दिये गये दिशा निर्देशो के पालन मे की गई कार्यवाही मे पुलिस अधीक्षक, राज्य सायबर सेल इन्दौर श्री जितेन्द्र सिंह ने बताया कि दिनांक 11.03.2019 को फरियादी संदीप पिता स्व. चेतन रुइया उम्र 40 वर्ष निवासी 22 पायल वाटिका वन्दना नगर इंदौर के द्वारा एक लिखित शिकायत आवेदक की दुकान पर खरीदारी करने आये दो ग्राहको द्वारा 5000/- रुपये की खरीदारी करने व पेमेंट पेटीएम से करने जो फरियादी को रिसीव न होने व ग्राहको से प्राप्त पेटीएम ट्रांजेक्शन का ID पूर्व ग्राहक के द्वारा पेटीएम पेमेंट के ट्रांजेक्शन ID जैसा ही होने के संबंध में शिकायत की थी। उक्त शिकायत शिकायत क्रमांक 104/19 पर दर्ज की गई थी।
उक्त शिकायत की जांच पश्चात अपराध क्रमांक 140/19 धारा 66सी, 66डी आई. टी. एक्ट व 420,468,471,120 बी भादंवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। जिसका अनुसंधान निरीक्षक राशिद अहमद द्वारा किया जा रहा है। अनुसंधान के दौरान संदिग्ध आरोपियो की पहचान स्थापित कर आरोपी प्रतीक पिता विवेक जोशी उम्र 21 वर्ष निवासी 324 ए, शिवशक्ती नगर देवास हामु. 03 छोटी ग्वाल टोली खजरानी माता मंदिर के पास गुरुद्वारे के पीछे LIG इंदौर व तनय सिंह चौहान पिता अजय सिंह चौहान उम्र 20 वर्ष निवासी 842 कृष्ण बाग कालोनी प्रेस काम्प्लेक्स के पीछे इंदौर से पुछताछ की गई जिन्होने पुछताछ पर बताया कि हमने फर्जी पेटीएम एप्लीकेशन को गुगल के माध्यम से सर्च करके अपने मोबाईल पर डाउनलोड किया था। गीता भवन स्थित स्टेटस मेन्स वियर पर हमें कुछ कपड़े पसंद आ गये थे पर हमारे पास उतने पैसे नही थे तो हमने फर्जी पेटीएम एप्लीकेशन का प्रयोग कर दुकानदार को 5000/- रुपये का पेमेंट संबंधित राइट क्लिक दिखाया पर दुकानदार ने खुद के पास मैसेज में चेक किया तो उसके पास कोई मैसेज नही आया था। इसलिये हमने दुकानदार से यह बोलकर कि देखते है मैसेज क्यो नही आया, उसका मोबाईल ले लिया और उसके मोबाईल पर प्रतीक का नम्बर पेटीएम के नाम सेव किया और दुकानदार के मोबाईल में पहले से पड़े पेटीएम मैसेज को प्रतीक के नम्बर पर सेंड कर लिया और फिर उस मैसेज में एडिटिंग करके वापस दुकानदार को सेंड कर दिया। चूंकि दुकानदार के फोन में प्रतीक का नम्बर पेटीएम के नाम से सेव था तो उसे लगा कि पेटीएम से ही मैसेज आया है। फिर हम कपड़े (एक ट्राउजर, दो जींस, दो टीशर्ट, एक शर्ट, एक पुलओवर) लेकर वहाँ से निकल गये। दुकानदार बाद में हमें ढुंढ न सके इसलिये हमने बिलिंग के समय गलत नाम, गलत मोबाईल नम्बर लिखवाया था। आरोपीगण ने उक्त घटना के पूर्व भी विभिन्न दुकानो पर से फर्जी पेटीएम एप्लीकेशन का उपयोग करना बताया है।
अतः उक्त आरोपियो के कब्जे से, खरीदे गये कपड़े व घटना में प्रयुक्त मोबाईल सिम जब्त किये गये व उक्त आरोपीगण को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय पेश किया गया।
उक्त अनुसंधान मे निरीक्षक राशिद अहमद, उनि. रीना चौहान, उनि. आमोद सिंह राठौर, प्रधान आरक्षक मनोज राठौर, आरक्षक राहुल सिंह गौर, आरक्षक विवेक मिश्रा, आरक्षक विशाल महाजन, आरक्षक गजेन्द्र सिंह राठौर, आरक्षक विजय बड़ोदकर व महिला आरक्षक दीपिका व्यास की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
उक्त घटना से सीखने योग्य बाते
1. पेटीएम या अन्य डिजिटल वालेट से लेन देन करते समय स्वयं के मोबाईल वालेट को भी चेक करें कि रुपये हमारे खाते में आये है कि नही।
2. यदि कोई व्यक्ति खुद के मोबाईल पर कोई मैसेज आपको दिखाता है तो सिर्फ उसके मोबाईल पर राईट क्लिक अथवा मैसेज देखकर यह विशवास न करे कि उसके द्वारा पेमेंट कर दिया गया है।
3. यदि आपको लेन देन से संबंधी कोई मैसेज प्राप्त होता है तो कृपया अपना डिजिटल वालेट/खाता भी चेक करें।
4. अनजान लोगो को कभी भी अपना मोबाईल उपयोग करने के लिये नही दे, यदि देना आवश्यक हो तो ध्यान दे कि वह व्यक्ति आपके मोबाईल का उपयोग कर क्या गतिविधि कर रहा है।
Don’t ever send any details to any unknown messages.