भारत सरकार की आयुष्मान योजना में हितग्राहियों के नाम पंजीकृत करने के नाम से फर्जी Paytm KYC करने वाला आरोपी राज्य सायबर पुलिस ज़ोन जबलपुर के गिरफ्त में
• पूर्व में राज्य सायबर पुलिस ज़ोन जबलपुर द्वारा करीबन 6500 फर्जी सिमों को बेचने वाले गिरोह का किया था पर्दाफाश
• इन्ही फर्जी सिमों का प्रयोग कर महाराष्ट्र में हज़ारों डॉलरों की धोखाधड़ी की घटना को दिया गया अंजाम ।
• राजस्थान, पुणे में इन्ही फर्जी सम एवं paytm वॉलेट के उपयोगकर्ताओं के विरुद्ध हैं अपराध पंजीबध ।
• आयुष्मान योजना में हितग्राहियों के नाम पंजीकृत करने के नाम से लिए गए बायोमेट्रिक के आधार पर छल पूर्वक करता था फर्जी पे-टीएम वॉलेट का फर्जी पंजीकरण का कार्य ।
• पूर्व में गिरफ्तार आरोपी निशांत पटेल से प्राप्त फर्जी सिमों की करता था फर्जी paytm KYC
• Paytm Wallet एक्टिवेटिड सिमों को पुनः आरोपी निशांत को करता था विक्रय
• तक़रीबन 500 फर्जी सिमों पर किया गया है paytm wallet का एक्टिवेशन
• उक्त सभी paytm वॉलेट पर देश के अन्य राज्यों में भी हैं सायबर के अपराध कायम
• आरोपी द्वारा बायोमेट्रिक मशीन का उपयोग कर किया जाता था paytm का एक्टिवेशन
• पूर्व में राज्य सायबर पुलिस ज़ोन जबलपुर द्वारा की गयी थी पांच आरोपियों की गिरफ्तार
• विशेष पुलिस महानिदेशक राज्य सायबर सेल मुख्यालय भोपाल श्री राजेंद्र कुमार, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक राज्य सायबर सेल म.प्र. श्री मिलिंद कानस्कर द्वारा प्रकरण के निकाल हेतु निर्देशित किया गया जिस पर से पुलिस अधीक्षक राज्य सायबर सेल जबलपुर श्री अंकित शुक्ला ने बताया कि थाना राज्य सायबर सेल के अपराध क्रमांक 269/19, 270/19 धारा 419,465, 468, 120B भादंवि व 66 डी आई.टी. एक्ट की कायमी आवेदक नरेन्द्र कुमार मिश्रा एवं इमरान उल हक जबलपुर द्वारा शिकायत की थी की किसी अज्ञात द्वारा आवेदक का फेसबुक प्रोफाइल हैक कर उसके फेसबुक मित्रों से रुपयों की मांग की जा रही है| शिकायत जांच में पाया गया की जिस आईडिया कंपनी की सिम से आवेदक की फेसबुक प्रोफाइल हैक की गयी थी वह एक कम्पनी आई.ए. सर्विसेज के नाम से पंजीकृत थी । विवेचना में पाया गया की आई. ए. सर्विसेज नाम की कोई भी कंपनी भौतिक रूप से नहीं है लेकिन आई. ए. सर्विसेज के नाम से 90 सिम फर्जी गुमाश्ता प्रपत्र संलग्न कर जारी किये गए थे । तकनिकी विश्लेषण के आधार पर पता चला की आई. ए. सर्विसेज नाम की कंपनी जिसके मालिक इमरान उल हक हैं की फर्जी सील एवं गुमाश्ता बनवा कर इमरान उल हक के करीबी मित्र अशफाक के द्वारा फर्जी सिमें जारी करायी गयी थी, जिसके सम्बन्ध में इमरान को कोई जानकारी नहीं थी ।
• पूर्व में आरोपियों की पूछताछ में बताया गया था की फर्जी सिमों पर आरोपी निशांत द्वारा गिरफ्तार आरोपी सागर पटेल के माध्यम से paytm की KYC करवाकर राज्य से बाहर अन्य राज्यों में विक्रय कर दिया जाता था।
• आरोपी सागर पटेल को गिरफ्तारी के वक़्त पूछताछ पर बताया गया की उसके द्वारा आयुष्मान कार्ड बनाने का कार्य किया जाता था, आरोपी निशांत पटेल से दोस्ती होने के बाद उसने निशांत के कहने पर एवं रुपयों की लालच में आकर फर्जी सिमों पर अपने मोबाइल पर paytm का ATM एप्प डाउनलोड कर बायोमेट्रिक मशीन के माध्यम से paytm बैंक खाते खोले जाते थे, जिसने करीबन 500 paytm खाते गरीब एवं आम जनों के नामों से खुले हैं ।
• पूर्व में गिरफ्तार आरोपी निशांत पटेल द्वारा वर्तमान में गिरफ्तार किये गए आरोपी सागर पटेल को उक्त कार्य करने हेतु लैपटॉप एवं बायोमेट्रिक मशीन खरीदकर दी गयी थी एवं प्रतिदिन के हिसाब से 250 रुपये दिए जाते थे ।
• आरोपी सागर पटेल के पास से बायोमेट्रिक मशीन, लैपटॉप, मोबाइल फ़ोन, आयुष्मान के कुछ कार्ड जिनका अपराध से सम्बन्ध हैं जप्त किये गए हैं ।
• राज्य सायबर पुलिस ज़ोन जबलपुर द्वारा फर्जी सिमों के विक्रय करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करने के बाद देश के अन्य राज्यों की पुलिस ने किया राज्य सायबर पुलिस ज़ोन जबलपुर से संपर्क, जिससे यह ज्ञात हुआ की उपरोक्त फर्जी सिमों का प्रयोग कर पुणे में अपराधियों द्वारा 5000 डॉलर की धोखाधड़ी की गयी है, इसी तरह डॉलर की धोखाधड़ी के अपराध हैदराबाद एवं महाराष्ट्र के अन्य जिलों में हैं, साथ ही जयपुर राजस्थान के थाना सांगानेर में OLX में आर्मी का जवान बनकर लाखों की धोखाधड़ी उक्त फर्जी सिमों का इस्तेमाल कर धोखाधड़ी की राशि फर्जी paytm वॉलेट पर प्राप्त की गयी ।
आरोपी का विवरण-
1. सागर पटेल आ० सुभाष पटेल उम्र 18 वर्ष नि० देवनगर, बुढागर, थाना गोसलपुर जबलपुर
प्रकरण की विवेचना एवं आरोपीगण की गिरफ्तारी मे निरीक्षक विपिन ताम्रकार, उपनिरीक्षक श्वेता, उप निरी राशिद खान सिंह, प्र० आर० मनीष उपध्याय, आरक्षक अजीत गौतम, आरक्षक अमित गुप्ता एवं महिला आरक्षक अवनी की महत्वपूर्ण भूमिका रही।