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इन्दौर। जीवन में कैसी भी परिस्थिति हो व्यक्ति को आनंद के पलों को नहीं खोना चाहिए। जीवन में खुशी के पलों की अनुभूति होना आवश्यक होता है। छोटी-छोटी बातों में खुशी के पल होते हैं, उन्हें अहसास करने की जरूरत है। किसी भी व्यक्ति को गलती पर माफ करने से जो आनंद की अनुभूति होती है, वह सबसे बड़ी खुशी होती है। व्यक्ति खुशी के पलों के लिए क्या नहीं करता, लेकिन उसके आसपास के वातावरण में ही खुशी के पल समाहित होते हैं। बस आवश्यकता होती है कि वह उन्हें खोजने की।
आज समाज में ईर्ष्या, द्वेष,विवाद, लड़ाई, झगड़ा, वैमनस्य, हत्या, आत्महत्या का दौर चल रहा है। इन सब नकारात्मकताओं को देखते हुऐ राज्य शासन ने अध्यात्म विभाग के जरिए आम आदमी को सकारात्मक सोच की ओर प्रेरित करने के लिए राज्य आनंद संस्थान का गठन किया है। राज्य आनंद संस्थान द्वारा कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिला स्तरीय आनंदक सम्मेलन आयोजित किया गया था।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए अपर कलेक्टर (विकास) श्रीमती नेहा मीना ने कहा कि कोई भी व्यक्ति गीत, संगीत, योगा, व्यायाम और सकारात्मक दृष्टिकोण और परोपकार से अपने अंदर आनंद की अनुभूति कर सकता है। हमें अपने मन की शांति के लिए योग और ध्यान करना चाहिए। सभी धर्मों में परोपकार को सर्वोंत्तम कार्य माना गया है। हमें गरीबों, बुजुर्गों, दिव्यांगों और निराश्रितों की मदद करनी चाहिए। भौतिकतावाद के इस युग में मनुष्य की जीवनशैली में बहुत बदलाव आया है, जिसके कारण मनुष्य तनाव और दबाव में जी रहा है और कभी- कभी वह इस तनाव और दबाव को झेल नहीं पाता। गीत, संगीत, व्यायाम, योग और ध्यान के जरिए मनुष्य तनाव को कम कर सकता है। उन्होने कहा कि दूसरों की मदद करने से अत्यधिक सुकून मिलता है।
कार्यक्रम में आनंद विभाग के श्री विजय मेवाड़ा और अरविंद शर्मा ने बताया कि इंदौर जिले में 23 आनंद क्लब है। हम लोग आनंद मेला, आनंद उत्सव और आनंद सभा का आयोजन करते रहते हैं। एमवाय अस्पताल और रानी सती गेट पर “नेकी की दीवार” का संचालन किया जाता है। जहाँ पर गरीबों और जरूरतमंद लोगों को नि:शुल्क घरेलू आवश्यक सामग्री वितरित की जाती है। कोई भी व्यक्ति राज्य आनंद संस्थान की बेवसाइट
www.anandsansthanmp.in पर मानद आनंदक बनने के लिए ऑनलाइन पंजीयन करा सकता है। वर्तमान में राज्य आनंद संस्थान में लगभग 1600 आनंदक स्वैच्छिक रूप से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। राज्य आनंद संस्थान ने कुछ दिन पहले सांवेर, महू और देपालपुर में आनंद उत्सव के तहत खेलकूद का आयोजन किया था। इस अवसर पर बड़ी संख्या में दर्शकगण मौजूद थे। लोगों ने निर्धारित प्रपत्र भरकर अपना “आनंदक” कार्यकर्ता बनने के लिए पंजीयन कराया और पहले से पंजीकृत आनंदक भी भारी संख्या में शामिल हुए थे । कार्यक्रम का संचालन व्याखाता श्रीमती सुनयना शर्मा ने किया।